मेट्रो सेस पर आ सकता है कल बड़ा निर्णय

जीडीए की ओर से लगाए गए मेट्रो सेस के मामले में बुधवार को बड़ा निर्णय आ सकता है। राजेंद्रनगर के खेतान पब्लिक स्कूल को हाईकोर्ट से मिली राहत के खिलाफ जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में पांच फरवरी को सुनवाई में निर्णय आने की संभावना जताई जा रही है। अगर निर्णय जीडीए के पक्ष में आता है तो जीडीए को मेट्रो सेस से मिलने वाले करीब 100 करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
बता दें कि जीडीए की ओर से मेट्रो कॉरिडोर के 500-500 मीटर के दायरे में संपत्तियों को खरीदने पर मेट्रो सेस लगाया जाता है। प्राधिकरण वित्तीय वर्ष 2012-13 और मौजूद वित्तीय वर्ष के बीच के अंतर को 15 फीसदी मेट्रो सेस के रूप में लेता है। ऐसे में मेट्रो सेस के जरिए जीडीए को छह सालों में करीब 100 करोड़ की आय होनी थी। मेट्रो सेल के मामले में साहिबाबाद के खेतान पब्लिक स्कूल पर 1.80 करोड़ का बकाया है। मेट्रो सेस के खिलाफ दायर याचिका में सही से पैरवी न हो पाने के कारण फैसला स्कूल के पक्ष में आया। हाईकोर्ट में स्कूल के पक्ष में आए निर्णय के खिलाफ जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट के याचिका दायर की है। सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि मेट्रो सेस के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने की संभावना है।
100 की जगह छह साल में मिले 18 करोड़
जीडीए की ओर से महानगर के यातायात को रफ्तार देने के लिए दिलशाद गार्डन से शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन कॉरिडोर और एलिवेटेड रोड का निर्माण किया है। दोनों बड़े प्रोजेक्ट की लागत को वसूलने केलिए जीडीए ने मेट्रो और एलिवेटेड सेस लगाया है। दोनों सेस से जितनी आय की उम्मीद जीडीए कर रहा था, नतीजे उससे बिल्कुल उलट रहे। सीएटीपी के मुताबिक 2014 से लेकर अब तक मेट्रो व एलिवेटेड सेस से प्राधिकरण को कुल 18 करोड़ ही मिल पाया है। जबकि उम्मीद करीब 100 करोड़ की लगाई गई थी। जीडीए अधिकारियों के मुताबिक मेट्रो सेस के अलावा एलिवेटेड सेस का बिल्डरों पर करोड़ों बकाया है। अगर फैसला प्राधिकरण के पक्ष में आता है तो सेस के रूप में करोड़ों के मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। अकेले राजनगर एक्सटेंशन में 25 से अधिक बिल्डरों ने मेट्रो व एलिवेटेड सेस जमा नहीं किया है।